PM Vishwakarma Yojana– प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य है पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देना और उनके कौशल को समर्थन देना। कारीगर और शिल्पकार देश के बहुत ही महत्वपूर्ण समूह के भाग होते हैं जिनका उद्देश्य देश की परंपराओं और कलाकृतियों को जिंदा रखना होता है। वह अपनी कला के द्वारा और पैतृक व्यापार के द्वारा देश के विकास में अपना योगदान देते हैं।
इस योजना का उद्देश्य उनकी आजीविका को बढ़ाकर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखना है और उनको सशक्त बनाना है। सरकार उनका समर्थन देना चाहती है ताकि उनको बाजारों तक पहुंच मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में वृद्धि हो सके।
Table of Contents
PM Vishwakarma Yojana | प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना
विवरण | जानकारी |
योजना | प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना |
राज्य | PAN India |
लाभार्थी | कारीगर, शिल्पकार, आदि। |
विभाग | सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यममंत्रालय |
उद्देश्य | कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और सशक्त बनाना |
वेबसाइट | https://pmvishwakarma.gov.in/ |
हेल्पलाइन | 1800-2677-777 |
Objectives of PM Vishwakarma Yojana | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के कई उद्देश्य हैं जैसे-
- कौशल विकास – प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण और कौशल वृद्धि कार्यक्रम प्रदान किया जाता है। यह प्रशिक्षण संचरित रूप से प्रदान किया जाता है।
- वित्तीय सहायता– विश्वकर्म योजना के दौरान उपकरण और प्रक्रियाओं की उन्नति के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- बाजार तक पहुंच– यह योजना उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए और बेचने के लिएस्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तकउत्पादन बेचने की सुविधा प्रदान करती है, यह योजना स्थानीय कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ जोड़कर उनकी पहुंच बढ़ती है, जिससे उनकी आमदनी बढ़ती है और जीवन का स्तर बढ़ जाता है।
- विरासत का संरक्षण– भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए पारंपरिक कौशल, कला और शिल्प की निरंतरता को बढ़ावा देना।
- नौकरी बढ़ाना– इस योजना को देश है यह भी है कि कारीगर और शिल्प क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करना और वृद्धि लाना।
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Key Features of PM Vishwakarma Yojana | पीएम विश्वकर्मा योजना की मुख्य विशेषताएं
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनाएं की विशेषताएं-
- वित्तीय सहायता– इस योजना के दौरान शिल्पकारियों और कला कारों को उत्पादों को खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही उत्पादकता उड़ाने के लिए और गुणवत्ता में वृद्धि लाने के लिएराशि प्रदान की जाती है।
- कौशल विकास– इस योजना के दौरान पारंपरिक तकनीक को आधुनिक बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए गए हैं जिसमें शिल्पकारों को सिखाया जाता है कि वह नए उत्पादन की मदद से कैसे कलाकृतियों को बना सके।
- ऋण में रियायत– इस योजना के दौरान ऋण कम ब्याज पर प्रदान किया जाता है और न्यूनतम ब्याज की मदद से व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राशि दी जाती है।
- मार्केटिंग सहायता– इस योजना की एक विशेषता यह है कि कार्यक्रमों के उत्पादकों को मेलों और प्रदर्शनियों में दिखाया जाता है और आयोजन करवाया जाता है जिससे वह अपने सामान को भेज सके और ज्यादा पैसे कमा सकें। साथ ही उनके व्यवसाय को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा जाता है जिससेवह अपने सामान को इंटरनेट के जरिए भेज सके।
- समूह विकास– इस योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का एक समूह बनाया जाता है जिससे वह आपस में सहयोग और साझा करके संसाधनों को बांट सकें और आधुनिक उपकरणों की सुविधा को प्राप्त कर सकें।
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Eligibility Criteria | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में पात्रता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में पात्रता है-
- आवेदक भारत के निवासी होना चाहिए।
- आवेदक पारंपरिक कार्यकारी या शिल्पकार गतिविधियों में होना चाहिएऔर उसका व्यवसाय होना चाहिए।
- आवेदक जरूरी दस्तावेजों के साथ योजना में पंजीकरण करवा सकता है जो अनिवार्य है।
- आवेदक की उम्र न्यूनतम 18 साल होनी चाहिए।
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Application Process | प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपकोविश्वकर्म योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है और वहां अपनी निजी और व्यावसायिक जानकारी के साथ पंजीकरण करना है।
- फिर आपको अपनी जरूरी दस्तावेज जोड़ने हैं जैसे-
- पहचान प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर id, आदि।
- बैंक खाता जानकारी
- व्यवसाय का प्रमाण
- स्वीकृति– स्वीकृति से पहले यह अनिवार्य है कि आवेदक स्थानीय अधिकारियों द्वारा सत्यापित हो।
- अनुदान– स्वीकृति मिलने के बाद लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
Benefits of PM Vishwakarma Yojana | विश्वकर्मा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के बहुत से फायदे हैं जैसे-
- अर्थव्यवस्था में सुधार– इस योजना की मदद से लाभार्थियों के उत्पादकता बढ़ सकती है, बाजार तक उनकी पहुंच बढ़ सकती है और उनकी आमदनी भी बढ़ सकती है। इससे सशक्त बनेंगे और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- कौशल का संरक्षण– यह योजना युवा पीढ़ी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उनके पारंपरिक व्यवसाय को चलाए रखने के लिए प्रोत्साहन देती है। इससे भारत की विविधता बनी रह सकती है जो इसमें रहने वाले सैकड़ो तरह के अलग उपसमूहों का समावेश को दर्शाती है।
- बढ़ती पहचान– यह योजना स्वदेशी शिल्प के प्रति जागरूकता को फैलाती है और उसके सराहना को बढ़ावा देती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा उसकी मांग करते हैं और उसे खरीदना चाहते हैं। यह एक सराहनीय योजना है जो कारीगर के कौशल के विकास को बढ़ावा देती है और साथ ही साथ मार्केट में उत्पादन की मांग को बढ़ाती है।
- सतत विकास– उत्पादन के पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ तरीकों का समर्थन करता है।
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Crafts and Trades Covered | शिल्प और व्यापार को शामिल किया गया
यह योजना कई तरह के शिल्प और व्यापार को शामिल करती है परंतुयह सूची इन्हीं तक सीमित नहीं है-
- लोहारगिरी
- बढ़ई
- मिट्टी के बर्तन
- बुनाई
- खिलौना बनाने वाला
- पत्थर की नक्काशी
- धातु शिल्पकला
- चमड़े का काम
Recent Updates
इस योजना के अंदर हाल ही में कुछ अधिक जानकारी मिली है जैसे-
- डिजिटल प्लेटफॉर्म– इस योजना के अंतर्गत कारीगर मोबाइल एप या वेबसाइट के जरिए पंजीकरण कर सकते हैं और सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
- अधिक कवरेज– योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए इसकी कवरेज को भारत के हर कोने में फैलाया जा रहा है जिससे हर समुदाय और वर्ग के कार्यक्रमों को इस योजना में शामिल कर सके और उनका अंतरराष्ट्रीय मार्केट की पहुंच की सुविधा प्रदान कर सकें।
- ज्यादा बजट– योजना का लाभ बढ़ाने के लिए सरकार ने अतिरिक्त धनराशि आवंटित करना जारी किया है।
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Conclusion | निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना एक साधनिया योजना है जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है जिसका उद्देश्य है भारत में पारंपरिक व्यापार और शिल्प को पुनर्जीवित करना। इस योजना के अंतर्गत शिल्पकारियों को और कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, कौशल विकास के लिए परीक्षण करवाया जाता है, मार्केटिंग में मदद करवाई जाती है, और साथ ही स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट के साथ पहुंच की सुविधा कराई जाती है।
वित्तीय सहायता प्रदान करके और उनके कौशल का विकास करके यह योजनाकार्यक्रम औरशिल्पकारों को सशक्त बनाना चाहती है ताकि वहअपनी कौशल की मदद से आजीविका में वृद्धि ला सकें और उन्हें किसी दूसरे पर निर्भर न रहनापड़े। यह योजना सुनिश्चित करती है कि भारत कीसांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहे और साथ ही अर्थव्यवस्था में सुधार आए। यह योजनाटिकाऊ और समावेशी अर्थव्यवस्था बनने के लिए एक महान पहल हैऔर पारंपरिक कौशल और विरासत को महत्व देने वाली एक महत्वपूर्ण कदम है।